महान योद्धा महाराणा प्रताप जी जब आतताइयों से लड़ रहे थे तो उनकी लड़ाई कमजोर होती देख महान दान-दाता के रूप में जिनको जाना गया उस समय के व्यवसायी भामाशाह जी आगे आए और उन्होंने देखा कि अगर महाराणा प्रताप हार जाते हैं तो धर्म का नुकसान होगा उनके व्यक्तिगत जीवन पर उनका कोई असर नहीं पड़ने वाला था। लेकिन अगर धार्मिक जीवन पर असर पड़ेगा, सामाजिक जीवन पर असर पड़ेगा तो उसका अंतिम परिणाम व्यक्ति के व्यवसायिक और पारिवारिक जीवन पर भी पड़ेगा। इसीलिए उन्होंने आगे आकर महाराणा प्रताप को आर्थिक सहयोग दिया। वह कितना दिया, जीतने के लिए जितना आवश्यक था, उतना दिया। इसीलिए आज भी किसी बड़े दानदाता के रूप में किसी का नाम लिया जाता है तो वह भामाशाह का नाम लिया जाता है।
आज सुदर्शन न्यूज़ चैनल ने तय किया है, कि भामाशाह जयंती को “दान दिवस” के रूप में मनाएंगे। सुदर्शन न्यूज़ चैनल राष्ट्र- धर्म की रक्षा के लिए जो लड़ाई लड़ रहा है। उस लड़ाई का आप समर्थन करना चाहते हैं, इसमें जीत चाहते हैं, आने वाला कल सुरक्षित चाहते हैं। हम सही काम कर रहे हैं ऐसा आपको लगता है, तो इस दान-दिवस के रूप में दान -दिवस पर आप भी सहयोग करें। लिंक पर कई विकल्प मौजूद है। अधिक जानकारी के लिए इस नंबर पर भी संपर्क कर सकते हैं।